Wyjątkowe walory jabłek z Europy
यूरोपीय सेब भारतीय बाजार में लोकप्रिय कैसे बन गए? यूरोपीय सेबों के विशेष गुण
अपनी खास गुणवत्ता तथा स्वादों की विभिन्नता जो इसी बाजार में अभी भी कुछ नया हैं यूरोपीय सेबों ने भारत में ग्राहकों के दिल जीत लिए. पिछले कुछ सालों में भारत में यूरोपीय सेबों का आयात महत्त्व प्राप्त करके वहां के फलों के प्रस्ताव का एक महत्त्वपूर्ण भाग बन गया.
भारत में यूरोपीय सेबों में इतनी दिलचस्पी क्यों है? सब से पहले उन का अनुपम स्वाद और गंध के कारण जिससे ये देशी प्रकारों की तुलना में खास हैं. फ्रांस, इटली या पोलंड जैसे क्षेत्रों से सेब बहुत सारे स्वादों का प्रदान करते हैं – मीठा से खट्टा तक – जो खाने का नया अनुभव ढूंढते हुए ग्राहकों को आकर्षित करता है.
यूरोपीय सेबों का एक अतिरिक्त गुण है उन का रूप. ये फल अक्सर पूर्ण आकार और गहरे रंग के हैं एवं उन का छिलका बेदाग है इसलिए ये भारतीय सुपरमार्केटों में जहाँ उत्पादों का रूप बहुत महत्त्वपूर्ण है पसंद माल बन जाते हैं. अच्छी पैकेज और यूरोप से भारत तक सेब पहुँचाने का तरीका उन की लोकप्रियता पर भी असर डालते हैं. परिवहन की नई प्रौद्योगिकी के उपयोग से फल लम्बे समय के लिए ताज़े रहते हैं जिस से इन का वितरण बड़े पैमाने पर किया जा सकता है.
फिर भी भारतीय फल बाजार में अधिकतर उत्पाद देशी हैं यह आयातित माल के लिए अधिक तैयार बनता जा रहा है. यूरोपीय सेबों की मांग बढ़ती जा रही है क्योंकि ये पारम्परिक फलों की जगह चुने जा सकते हैं और एक ही समय भारतीय उपभोक्ताओं को पहले से अनजाने स्वादों तथा अनुभवों को पहुँचाते हैं. यूरोपीय सेबों में दिलचस्पी का बढ़ावा अधिक अक्सर प्रीमियम उत्पाद ढूंढते हुए भारतीय उपभोक्ताओं के बदलते हुए पसंदों के कारण भी है. ये फल न केवल उच्च गुणवत्ता बल्कि भी प्रकारों के खास विविधता का प्रदान करते हैं जिससे भारतीय भोजन-प्रेमियों को नए स्वाद और बनावट पता लगाने का मौका मिलता है.