सेब मिस्र और जॉर्डन के साथ-साथ भारत और वियतनाम को निर्यात करता है
भारत के लिए निर्यात
यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यापार संबंध कृषि क्षेत्र में 2003 से दो मुख्य अनुबंधों से नियंत्रित हैं: सेवा व्यापार समझौता और निवेश समझौता. इन समझौतों पर आर्थिक सहयोग आधारित है जो कई सालों के दौरान धीरे धीरे विकसित हो गया है. आसियान-भारत (AIFTA) मुक्त व्यापार क्षेत्र भी उल्लेख करने लायक है जिस में शामिल माल व्यापार समझौता है जो ईयू और भारत के बीच आर्थिक संबंध का एक और महत्त्वपूर्ण भाग है.
2004 में पारस्परिक मान्यताओं तथा वैश्विक व्यवस्था का पालन करने के दायित्व पर आधारित सामरिक साझेदारी का समझौता किया गया है1. यह साझेदारी अधिक महत्त्वपूर्ण बन गया है जब 2020 में 2020-2025 के लिए सामरिक साझेदारी के लिए रोडमैप स्वीकृत किया गया जिस से भविष्य के लिए सहयोग के लक्ष्य निर्धारित किए गए. 2022 में व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद् की स्थापना हुई जो व्यापारिक सहयोग बढ़ने के लिए एक अगला कदम था.
2021 में यूरोपीय संघ -भारत माल व्यापार का मूल्य 88 अरब यूरो था और सेवाओं के क्षेत्र में – 30.4 अरब यूरो. इससे यूरोपीय संघ भारत का तीसरा सब से बड़ा व्यापार साझीदार बन गया और यह भारत के माल व्यापार के 10.8 प्रतिशत के लिए ज़िम्मेदार है. ईयू के आगे सिर्फ यू एस ए (11.6%) और चीन (11.4%) हैं, जिस का मतलब है कि इस की भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण भूमिका है.
जहाँ तक सेब निर्यात की बात है, भारत चौथे स्थान पर है – इस के आगे जर्मनी, रूस और ग्रेट ब्रिटैन हैं. 2021 में भारत में आयात का मूल्य 31,9 करोड़ यूरो था और उस की मात्रा 43,6 करोड़ टन2. सीजन 2022/2023 में यूरोपीय संघ से भारत के लिए सेब निर्यात 81,672 टन था जिससे 42,242 टन इटली से और लगभग 34,259 टन पोलैंड से थे3.
इन आंकड़ों से पता चलता है कि यूरोपीय संघ और भारत के बीच व्यावसायिक संबंध कितना विकसित है – खास तौर पर कृषि के क्षेत्र में. आर्थिक सहयोग के विकास में पारस्परिक भागीदारी से लाभ मिलता है और वैश्विक बाजार में दोनों क्षेत्रों की स्थिति बेहतर बनाती है.
वियतनाम के लिए निर्यात
यूरोपीय संघ और वियतनाम के बीच व्यापार संबंध कृषि क्षेत्र में 12 फरवरी 2020 से अधिक महत्त्वपूर्ण बन गया है जब मुक्त व्यापार समझौता और निवेश संरक्षण समझौता समाप्त किए गए थे ये महत्त्वपूर्ण समझौते 1 अगस्त 2020 को लागू हुए हैं और इन के साथ बहुत बड़े परिवर्तन भी हुए – दोनों पक्षों के बीच लगभग सब सीमा शुल्क हटाए गए4. इससे ईयू और वियतनाम के बीच व्यापार ने नई गतिशीलता प्राप्त की.
ये समझौते सिर्फ न्यायिक शिष्टाचार नहीं बल्कि एक असली साधन हैं जिन से दोनों क्षेत्रों के अर्थव्यवस्थाएँ बढ़ती जा रही हैं. उन के उद्देश्य न केवल वाणिज्यिक आदान-प्रदान बढ़ाना बल्कि संतुलित विकास का समर्थन देना और दीर्घकालीन आर्थिक लाभ लाना भी है. इस के परिणाम वियतनाम दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (ASEAN) में ईयू का दूसरा सब से बड़ा व्यापार साझीदार बन गया और इस के आगे सिर्फ सिंगापुर है.
ईयू और वियतनाम के बीच माल व्यापार की मूल्य हर साल 47,6 अरब यूरो है और सेवाओं के क्षेत्र में अतिरिक्त 3,6 अरब यूरो का लाभ उत्पन्न किया जाता है. यूरोपीय संघ से वियतनाम के लिए निर्यात 5-7% बढ़ता जा रहा है5. आगे कहने लायक है कि 2022/2023 में ईयू से वियतनाम के लिए सेब निर्यात 10,154 टन था जिससे 7,000 टन फ्रांस से और लगभग 2,300 टन पोलैंड से थे6.
इस सफल सहयोग से पता चलता है कि सामरिक व्यापार समझौते वैश्विक अर्थव्यवस्था में कितने महत्त्वपूर्ण हैं. इन की मदद से दोनों ईयू और वियतनाम आर्थिक वृद्धि, उच्च वाणिज्यिक आदान-प्रदान और बाज़ारों तक बेहतर पहुँच का लाभ उठा सकते हैं.
1 https://www.europarl.europa.eu/topics/pl/article/20210408STO01627/ue-indie-wspieranie-wspolpracy-od-handlu-po-klimat.
2 https://www.trademap.org/CountrySelProductTS.aspx?nvpm=1%7c%7c%7c%7c%7c080810%7c%7c%7c6%7c1%7c1%7c1%7c2% 7c1%7c2%7c1%7c1%7c1 – last available data, access March 2023.
3 https://agridata.ec.europa.eu/extensions/DashboardApples/ApplesTrade.html.
4 https://www.europarl.europa.eu/topics/pl/article/20200131STO71518/umowa-handlowa-ue-wietnam-jakie-niesie-korzysci.
5 https://www.europarl.europa.eu/news/pl/press-room/20200206IPR72012/parlament-zatwierdza-umowy-o-wolnym-handlu-i-ochronie-inwestycji-ue-wietnam.
6 https://agridata.ec.europa.eu/extensions/DashboardApples/ApplesTrade.html.